छपरा से एक बड़ी ख़बर है…
बाढ़ राहत के नाम पर इस बार सिर्फ़ घोषणा नहीं, बल्कि पैसे सचमुच लोगों के बैंक खाते तक पहुँचे हैं।

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार के विभिन्न ज़िलों में बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए राहत राशि सीधे डीबीटी के ज़रिए ट्रांसफर की।

सारण ज़िले के 18 हज़ार 251 परिवारों को इसका लाभ मिला है।
प्रति परिवार 7 हज़ार रुपये।
कुल मिलाकर, 12 करोड़ 77 लाख 57 हज़ार रुपये।

अब ज़रा आंकड़े भी सुन लीजिए…
- सदर छपरा अंचल के 4555 परिवार
- गड़खा में 477 परिवार
- रिविलगंज में 329 परिवार
- दिघवारा में 2496 परिवार
और सबसे ज़्यादा… सोनपुर अंचल के 10 हज़ार 424 परिवारों के खाते में यह राशि पहुँची है।
यानी राहत की नाव काग़ज़ पर बड़ी मज़बूत दिखती है…
मगर असली सवाल अब भी वही है—क्या सात हज़ार रुपये से बाढ़ में तबाह हुए जीवन की नाव किनारे लग पाएगी?


लेकिन इस बार एक फर्क है।
अब यह पैसा चुरा-मीठा के नाम पर बिचौलियों की जेब में नहीं जाएगा।
ना कोई पंचायत के बाबू का हिस्सा,
ना कोई ठेकेदार का हिस्सा।
यह राशि सीधे बैंक खाते में पहुँची है।
यानी बाढ़ पीड़ित परिवारों के हक़ के पैसे पर अब किसी की नज़र नहीं।
जो अक्सर बाढ़ राहत का पैसा खाने में माहिर थे—उनकी दाल इस बार नहीं गलेगी।

हर साल बाढ़ आती है… लोग हर साल डूबते हैं… और फिर यही राहत की कहानी दोहराई जाती है।
लेकिन इस बार कम से कम भरोसा इतना है—पैसा सही घरों तक पहुँचेगा।
