Disclaimer:
यह खबर मृतक के परिजनों के बयान पर आधारित है। पुलिस जांच अभी जारी है। जानकारी का उद्देश्य सिर्फ़ समाचार और जागरूकता है।
“सारण ज़िले के अमनौर से आई ये ख़बर हमें सोचने पर मजबूर करती है।
जहाँ नाली की निकासी का विवाद… एक इंसान की ज़िंदगी ले बैठा।

हरनारायण मंगल टोला के 55 वर्षीय शैलेश गोस्वामी की मौत हो गई।
वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे।
छह पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं, दो बेटे और एक बेटी की शादी हो चुकी थी।
अब परिवार का सहारा छिन गया है।

मृतक के पुत्रों का कहना है कि पड़ोसियों ने लाठी-डंडे से हमला किया।
उनका आरोप है—
“हमारे पिताजी को पीट-पीट कर मार डाला गया।”

लेकिन यह अभी सिर्फ़ परिजनों का बयान है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है।

सोचिए…
नाले का पानी, जिसकी निकासी के लिए सरकारें करोड़ों रुपये खर्च करती हैं,
वही नाला अब इंसान की ज़िंदगी बहा ले गया।

गांव में तनाव है, लोग डरे हुए हैं।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
लेकिन सवाल यह है—
क्या छोटी-छोटी समस्याएँ ही अब इंसान की जान ले लेंगी?
क्या नाली की निकासी पर भी इंसान मर जाएगा?

यह सिर्फ़ एक मौत नहीं है,
यह हमारे समाज की संवेदनहीनता का आईना है।


