अंधेरा जैसे हुआ एक बार फिर गोलियों की आवाज गूंज उठी — और किसी मां की गोद सूनी हो गई, किसी बहन की राखी अधूरी रह गई। सारण जिले के एकमा थाना क्षेत्र के हंसराजपुर गांव में 26 वर्षीय युवक रोशन कुमार की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई।
पुलिस का बयान आया है कि यह पारिवारिक वाद विवाद का मामला दिख रहा है

परिजनों ने उसे खून से लथपथ हालत में छपरा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जैसे ही डॉक्टर ने यह कहा — “अब यह नहीं रहा”, वैसे ही चीखों का ऐसा दर्दनाक मंज़र सामने आया कि अस्पताल की दीवारें भी मानो गूंज उठीं।
अभी कल ही तो…”
परिवार की आंखों में बसी उसकी आखिरी तस्वीर बस यही कहती रही — “अभी कल ही तो घर की छत पर बैठकर चाय पी रहा था…” किसे पता था, वो मुस्कान हमेशा के लिए खो जाएगी।
मां की चीत्कार, पिता की खामोशी

मां का रो-रोकर बुरा हाल था, वह बार-बार बस यही कह रही थी — “मेरा लाल… किसका क्या बिगाड़ा था तूने बेटा?” वहीं पिता शून्य में ताकते हुए निःशब्द बैठे रहे, जैसे जीवन का सारा आधार ही खिसक गया हो।
गांव में पसरा मातम, फैली दहशत
हत्या की सूचना मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। डायल 112 और स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी, लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक न तो प्राथमिकी दर्ज हुई थी, न ही परिजनों ने कुछ बोलना चाहा — शायद अब बोलने को बचा ही क्या है

हर दिन की एक नई हत्या, डर में जीते लोग
यह कोई पहली वारदात नहीं है। जिले में हर दिन हत्या, लूट और अपराध की घटनाएं मानो आम होती जा रही हैं। लोग डरे हुए हैं, गुस्से में हैं और यह पूछ रहे हैं — “कब तक बेटों की लाशें उठती रहेंगी?