‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ कहलाने लगे हैं। यहाँ पट्टी-बांध दवा ही नहीं, बल्कि मुफ्त जांच, योग और परामर्श भी है। यानी गाँव का स्वास्थ्य केंद्र अब इलाज के साथ-साथ ‘लाइफस्टाइल गुरु’ भी बन गया है।
छपरा, सारण:

सारण जिले में कुल 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हैं।
इसमें शामिल हैं—
378 हेल्थ सब-सेंटर
08 अपग्रेडेड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
40 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
02 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
यहां क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
151 तरह की दवाएँ पूरी तरह नि:शुल्क
14 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच

प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव की सलाह
परिवार नियोजन सेवाएं
बच्चों का टीकाकरण
संचारी व गैर-संचारी रोगों का इलाज
किशोर-किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य और पोषण परामर्श
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा का कहना है—

“आयुष्मान आरोग्य मंदिर अब केवल अस्पताल नहीं रहे, बल्कि ग्रामीण विकास और जागरूकता का प्रतीक बन चुके हैं। महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व, बुजुर्गों को नियमित जांच और दवा, बच्चों को टीकाकरण और किशोरों को परामर्श—all in one जगह पर उपलब्ध है।

लेकिन अब सवालों पर आइए…
क्या यह 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर आने वाले सालों में भी इसी तरह गुणवत्तापूर्ण सेवाएं दे पाएंगे?
क्या हर केंद्र पर दवा हमेशा समय पर पहुँचेगी, या मरीजों को फिर वही सुनना पड़ेगा—‘कल आइए, दवा खत्म है’?
क्या डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी रोज़ मौजूद रहेंगे, या फिर कुर्सी खाली और

मरीज मायूस रह जाएंगे?
क्या यहाँ लगी मशीनें और जांच उपकरण सही से काम करेंगे, या सिर्फ दिखावे के लिए रख दिए जाएँगे?
और सबसे बड़ा सवाल—क्या गाँव के मरीज को वाकई गाँव में ही इलाज मिलेगा, या फिर वही पुराना सिलसिला चलेगा—गाँव से छपरा, और छपरा से पटना रेफर?

क्योंकि गाँव का मरीज अब शहर नहीं भागना चाहता। उसके दरवाज़े पर स्वास्थ्य का मंदिर खड़ा है। बस जरूरत है कि इस मंदिर की घंटी रोज़ बजे—खाली न पड़े।


