गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज छपरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एक महत्वपूर्ण शाखा का आयोजन हुआ। यह दिन पूरे संघ परिवार के लिए विशेष होता है, जब सभी स्वयंसेवक अपने आदर्श और पथप्रदर्शक गुरु के चरणों में श्रद्धा और समर्पण भाव से अर्पण करते हैं।

कार्यक्रम में संघ के सभी स्वयंसेवकों ने पारंपरिक ‘गुप्त दान’ देकर गुरु को अपनी निष्ठा और सेवा अर्पित की। यह एक ऐसा क्षण होता है जब संघ की शक्ति, एकता और अनुशासन अपने चरम पर दिखाई देती है।
संघ की विशेषताएं: अनुशासन और कार्यशाला की महत्ता

RSS की शाखाएं केवल विचार और भक्ति का केंद्र नहीं होतीं, बल्कि यह एक सशक्त कार्यशाला भी होती हैं। यहाँ हर स्वयंसेवक को राष्ट्र सेवा, अनुशासन, आत्मबल और संगठन कौशल की शिक्षा दी जाती है। गुरु पूर्णिमा के दिन यह कार्यशाला एक दिव्य ऊर्जा का रूप ले लेती है।
कार्यक्रम के दौरान छपरा शाखा में उपस्थित सभी स्वयंसेवकों ने मिलकर संघ की विचारधारा और भारतीय संस्कृति की रक्षा का संकल्प दोहराया। शाखा स्थल पर अनुशासन, शिष्टाचार और समर्पण की अनुपम छवि देखने को मिली।
गुरु को समर्पण का भाव – संघ की परंपरा
RSS में गुरु के प्रति समर्पण का यह एकमात्र दिन होता है, जब प्रत्येक स्वयंसेवक अपने आत्मबल और साधना को गुरु के चरणों में अर्पित करता है। यह कोई सामान्य आयोजन नहीं, बल्कि एक चेतना का संचार होता है – जहां राष्ट्र पहले है, व्यक्ति बाद में।
इस पावन आयोजन में छपरा की शाखा के सभी प्रमुख स्वयंसेवक मौजूद थे। जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- नगर संचालक
श्रीधर वासुदेव उर्फ मलय जी - बौधिक कर्ता (मुख्य अतिथि)
बैजनाथ मिश्र का बौधिक हुआ। - नगर सह करवाह – प्रवीण जी
- नगर सेवा प्रमुख- रंजन जी
- धर्मेन्द्र जी
- वीरेंद्र ओझा
- बौधिक कर्ता – सत्येंद्र
- दिलीप जी
- गणेश जी
- विशाल कनौडीया
- संजय
- अजय जी
- कमलेश जी
- मनोज जी, विशाल जी, रिषी राज, आदित्य एवं सुनील, विश्वनाथ जी, शैलेश रंजन एवं सभी
स्वयं सेवक मौजूद