भीम आर्मी के स्थानीय नेता को बीते दिनों एक मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चार दिनों तक जेल में रहने के बाद शुक्रवार को वे रिहा हुए।

जेल से बाहर आते ही उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन पर झूठा मुकदमा कर दबाव बनाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि “हम दलितों, पिछड़ों और समाज के वंचित वर्ग की आवाज उठाते हैं, यही वजह है कि हमें फर्जी मामले में फँसाया गया। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, संघर्ष जारी रहेगा।”

उनकी रिहाई के बाद समर्थकों में उत्साह देखा गया। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया और नारेबाज़ी की। स्थानीय स्तर पर यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।







