सारण जिला के मकेर थाना अंतर्गत जगदीशपुर गांव से आज सुबह एक ऐसी खबर आई जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। एक युवक — प्रमोद तिवारी, जिसकी उम्र लगभग 35 वर्ष बताई जा रही है — अब इस दुनिया में नहीं रहा। प्रमोद शादीशुदा था और उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जो अब हमेशा के लिए अपने पिता की छांव से वंचित हो गए।

सुबह-सुबह उसका शव छपरा सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में लाया गया, जहां मातम और सन्नाटा एक साथ पसरा हुआ था। मृतक का साला, जो उसे पोस्टमार्टम के लिए लाया, आंखों में आंसू और दिल में सवाल लेकर पहुंचा था। उसका आरोप है कि प्रमोद की मौत सामान्य नहीं थी — उसकी मां और भाभी समेत घर के ही लोगों ने मिलकर उसे जान से मार डाला।

हालांकि, गांव के कुछ लोगों की राय इससे भिन्न है। उनका कहना है कि प्रमोद लंबे समय से शराब का सेवन करता था, और शायद यही उसकी मौत का कारण बना हो। पूरा मामला अब संदेहास्पद हो गया है, और पुलिस इसकी गहराई से जांच में जुट गई है।

समाचार लिखे जाने तक पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी, और न ही किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि हो पाई है।
पर सच्चाई चाहे जो भी हो, यह घटना एक कड़वा सच छोड़ गई है — दो मासूम बच्चे, जो अब अपने पिता की गोद और मुस्कान को जीवन भर तरसेंगे। यह समाज और परिवार दोनों के लिए आत्ममंथन का समय है