9 सितंबर की शाम लगभग 4:30 बजे चिरांद निवासी अशोक महतो (उम्र 34 वर्ष) सब्जी लेने डोरीगंज बाज़ार जा रहे थे। इसी दौरान हाईवे पार करते समय एक अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।

परिजन उन्हें तुरंत छपरा सदर अस्पताल ले गए, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद अशोक महतो को बचाया नहीं जा सका और उनकी मौत हो गई।

उनके जीजा धर्मेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि NH-19 अब बालू लदे ट्रकों का अड्डा बन गया है और रोज़ाना यहाँ हादसे होते रहते हैं।
यह सवाल खड़ा करता है—

गलती किसकी है? घायल की, जो हाईवे पार कर रहा था?
या उन बेकाबू वाहनों की, जो मौत बनकर दौड़ते हैं?
या प्रशासन की, जो समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाता?

इस हादसे ने पूरे परिवार को मातम में डाल दिया और साथ ही प्रशासन की व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।




