55 वर्षीय मीना देवी… दो महीने पहले पति का निधन हुआ… बेटा रोज़गार के लिए गुजरात चला गया… और महिला घर में अकेली रह रही थी।

आज सुबह उनका शव घर के दरवाजे पर खून से लथपथ मिला। गले और हाथ पर चाकू से कई वार किए गए थे।

गांव में मातम और दहशत दोनों का माहौल है।
पुलिस मौके पर पहुँची, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

Disclaimer:
यह खबर पुलिस और स्थानीय सूत्रों की प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है। जांच जारी है। eBiharDigitalNews किसी पर आरोप नहीं लगाता।
लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल है?
- जब एक महिला बिल्कुल अकेली रह रही थी, तो उसकी सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की गई?
- क्या यह हत्या लूट के इरादे से हुई है, या फिर किसी रंजिश का नतीजा?
- और बिहार में अकेले रह रहे बुज़ुर्ग और महिलाओं पर हमले क्यों लगातार बढ़ रहे हैं?

मीना देवी के परिवार की कहानी बेहद दर्दनाक है—
पहले एक बेटे की बीमारी से मौत, फिर पति का निधन, और अब खुद महिला की हत्या।

पूरा परिवार जैसे बर्बाद हो चुका है।
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन गांव और इलाक़ा दहशत में है।
यह सिर्फ़ एक हत्या नहीं है, बल्कि समाज और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।




