Sun. Oct 12th, 2025

सावन का महीना…
शिवभक्ति में लीन लाखों दिल…
कांवर लिए भक्तों की भीड़…
लेकिन देवघर के पास एक ऐसी चीख-चीख कर रुला देने वाली ख़बर आई है, जिसने हर शिवभक्त को झकझोर दिया।
आज तड़के सुबह करीब 4:30 बजे एक बस देवघर से बासुकीनाथ की ओर निकली थी—लगभग 40 थके-मांदे श्रद्धालुओं को लेकर। सभी श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ का जल अर्पण कर चुके थे और अब अपनी यात्रा की पूर्ति हेतु बासुकीनाथ जा रहे थे। मान्यता है, जब तक बासुकीनाथ में जल नहीं चढ़ाया जाए, तब तक बाबा बैद्यनाथ की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
बस कुछ ही किलोमीटर चली थी—देवघर से महज 18 किलोमीटर दूर, जब जमुनिया चौक के पास एक एलपीजी सिलेंडर से भरे भारी ट्रक से भीषण टक्कर हो गई।

टक्कर इतनी भयानक थी कि बस का ड्राइवर खुद गाड़ी से बाहर जा गिरा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। चश्मदीदों ने बताया कि टक्कर के बाद बस करीब 100 मीटर तक बेकाबू दौड़ती रही, मानो कोई अदृश्य हाथ उसे खींच रहा हो। कुछ ही पलों में चीख-पुकार मच गई। जो सो रहे थे, अचानक जागे—चारों ओर सिर्फ खून… चीखें… टूटी हुई सीटें… और मलबा।
5 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल यात्रियों को देवघर एम्स में भर्ती कराया गया है। कई की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
एक यात्री, जो बस के पीछे की सीट पर बैठा था, फूट-फूटकर रोते हुए बताता है:

“हम सब बाबा को याद कर रहे थे… कोई भजन गा रहा था, कोई आंखें मूंदकर भोलेनाथ से मन की बात कह रहा था। अचानक जोर की टक्कर हुई, मेरी आंख खुली तो चारों तरफ सिर्फ अंधेरा और खून था।”

भक्ति की राह में यह हादसा एक गहरा जख्म छोड़ गया। श्रद्धालु जो बाबा के दरबार में आशीर्वाद लेने आए थे, खुद प्राण गंवा बैठे। बचे हुए यात्री बार-बार बस एक ही बात कह रहे हैं—
“अगर बाबा की कृपा नहीं होती, तो हम भी आज न बचते।”

पर अब सवाल ये है:
जिनका जीवन खत्म हो गया, उनका क्या?
क्या उनकी यात्रा अधूरी रह गई?
या शिव उन पर अपनी अंतिम कृपा बरसा चुके थे?

सावन के इस पवित्र महीने में, जब शिव की महिमा गूंज रही है, इस हादसे ने बता दिया कि आस्था के रास्ते पर भी सतर्कता जरूरी है।
उन सभी श्रद्धालुओं को भावभीनी श्रद्धांजलि, जिन्होंने भक्ति की राह पर प्राण गंवा दिए।
भोलेनाथ से यही प्रार्थना है कि वे मृतकों को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और घायलों को जल्द स्वस्थ करें।

हर हर महादेव 🙏

मृतक लिस्ट
समदा देवी 38 धनरूआ पटना
सुमन कुमारी 30 गयाजी
दुर्गावती देवी 45 लौरिया पश्चिमी चंपारण
सुभाष टुरी ड्राइवर देवघर
पीयूष 17 वैशाली
देवकी प्रसाद 45 पटना
मरने वालों में पांच बिहार के

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