सारण जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। भक्ति में लीन दो युवा, दो परिवारों की उम्मीदें और दो घरों के दीपक — दीपक साह और दीपक मांझी — आज हमेशा के लिए बुझ गए।

ये दोनों युवक कांवर यात्रा पर थे। सावन की पवित्रता में डूबे, शिवभक्ति में रंगे हुए… दयालपुर गांव से निकले थे, जल लेकर रिविलगंज के सेमरिया घाट से लौटते हुए जनताबाजार के प्रसिद्ध ढ़ोड़नाथ मंदिर में जल चढ़ाने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में छपरा-यूपी मेन रोड पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी आस्था की राह को मौत के रास्ते में बदल दिया।

बताया जा रहा है कि पास लेने के प्रयास में ट्रक ने उन्हें सीधी टक्कर मार दी। दीपक साह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दीपक माझी को गंभीर हालत में पटना PMCH ले जाया गया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था — वहां उसकी भी सांसे थम गईं।

दोनों परिवारों में कोहराम मच गया है। माँ की ममता बिलख रही है, पिता की आँखें पत्थर हो चुकी हैं, गांव में मातम पसरा है।
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, यह एक चेतावनी है — भक्ति जरूरी है, लेकिन जीवन सबसे बड़ा सत्य है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन उन दो मासूम जानों को अब कोई वापस नहीं ला सकता।
आस्था में उत्साह हो, पर लापरवाही नहीं। भक्ति में समर्पण हो, पर जान की बाज़ी नहीं। माता-पिता वर्षों पालते हैं, एक पल की चूक सबकुछ छीन लेती है