काशी बाज़ार की रीता देवी, उम्र 49 साल, बेटे अनुज के साथ नगरा से अपने घर लौट रही थीं। बेटा बाइक चला रहा था, मां पीछे बैठी थीं।
चनचौड़ा के पास सामने से आती तेज रफ्तार बाइक ने टक्कर मारी—धक्का इतना जबर कि मां सड़क पर गिर पड़ीं, सिर के पिछले हिस्से में गहरी चोट लगी।
अस्पताल भागे, इलाज शुरू हुआ… लेकिन मां वापस नहीं आईं।

आज राखी है… बहनें अपने भाइयों को राखी बांध रही हैं, और यहां अनुज अपनी मां की याद में खोया है।


सड़क का नियम किताब में नहीं, जिंदगी में उतारो—
हेलमेट सिर्फ सामने वाले के लिए नहीं, पीछे बैठने वाले के लिए भी ज़रूरी है।
एक हेलमेट की कमी, एक घर को हमेशा के लिए सूना कर सकती है।

