आज रक्षाबंधन था… और राखी का धागा काला पड़ गया
सारण के तरैया में 45 साल के शंकर राम थे। तीन बच्चे, एक घर, और कलाई पर बंधी राखी का भरोसा।
सुबह नारायणपुर आए थे राखी बंधवाने। वापस घर रसीदपुर लौट रहे थे। बाइक चला रहे थे।
लेकिन रास्ते में…

एक तेज रफ्तार बस आई, और भाई को बहन से, बच्चों को पिता से, दुनिया को एक अच्छे इंसान से छीन लिया।
मौत वहीं सड़क पर मिल गई।
बस पुलिस के कब्ज़े में है, जांच चल रही है।
पर असली सवाल है —
अगर बहन ने गिफ्ट के बदले हेलमेट दिया होता, और भाई ने पहन लिया होता, तो क्या आज घर में मातम होता?

रक्षाबंधन पर बहनों से गुज़ारिश
सिर्फ राखी मत बांधो, वादा बांधो। भाई से कहो कि बिना हेलमेट बाइक नहीं चलाएगा, और ट्रैफिक नियम मानेगा।
जान है तो जश्न है, वरना सड़क पर सिर्फ खून और ख़ामोशी।

जानकारी उनके साले राजन कुमार ने दी।
डिस्क्लेमर: यह खबर परिजनों की बातचीत पर आधारित है।

