
संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है, लेकिन आधुनिक शिक्षा में यह धीरे-धीरे हाशिये पर चली गई है। ऐसे में यह स्कूल पहला ऐसा संस्थान है जिसने बच्चों को संस्कृत के प्रति जागरूक बनाने के लिए यह विशेष शोभायात्रा आयोजित की। कल स्वतंत्रता दिवस होने के कारण इस आयोजन में तिरंगा यात्रा को भी शामिल किया गया, जिससे बच्चों में देशप्रेम और सांस्कृतिक गौरव का संचार हो सके।

ई बिहार डिजिटल न्यूज़ के संपादक संजील मिश्रा से बातचीत में अतिथि बैजनाथ मिश्रा, हरे राम शास्त्री, रामदयाल शर्मा और सुशील सिंह ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता की आत्मा है। इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना हम सभी का कर्तव्य है, और इस तरह की पहल से बच्चों में भाषा और संस्कृति दोनों के प्रति गर्व की भावना विकसित होगी।



