Disclaimer-यह घटना पुलिस जांच का विषय है। किसी पर भी आरोप लगाना हमारा उद्देश्य नहीं है।
रौजा पोखरा के रहने वाले उदित प्रकाश गुप्ता। पूर्व आर्मी जवान। सेना से रिटायर होने के बाद मीरगंज थाना में 112 नंबर वाहन पर ड्यूटी कर रहे थे।
कल देर रात झिगुना ढाला के पास उनका वाहन रुका हुआ था। तभी एक ई-रिक्शा आया और धक्का मार कर निकल गया। लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुँचाया। लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

यहां तक तो यह एक सामान्य सड़क दुर्घटना लग सकती है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
मीरगंज थाना ने औपचारिक कार्रवाई की, छपरा में उनके घर सूचना पहुँची। जैसे ही शव घर पहुँचा—चारों ओर चीख-पुकार मच गई। परिवार की हालत शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

लेकिन अब परिजनों का कहना है—“यह सड़क हादसा नहीं, हत्या है।”
उनकी दलील है कि उदित गुप्ता इस घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति थे। उनकी मौत ने पूरे परिवार को अंधेरे में धकेल दिया है।

गाँव के स्थानीय नेता, मुखिया और समाज के लोग भी प्रशासन से यही मांग कर रहे हैं कि मौत की निष्पक्ष जांच हो।
क्या वाकई यह एक साधारण सड़क दुर्घटना थी? या इसके पीछे कुछ और कहानी है?

सवाल उठता है—
क्या छानबीन इतनी जल्दी खत्म हो सकती है?
क्या यह सिर्फ एक हादसा है, या सच में कुछ और?
और सबसे बड़ी बात—एक पूर्व आर्मी जवान, जिसने देश की रक्षा की, उसकी मौत के हालात इतने संदेहास्पद क्यों हैं?

पुलिस जांच का इंतजार है।
लेकिन तब तक परिवार यही कह रहा है—“हमें न्याय चाहिए।”

