30 अगस्त को सारण की धरती से महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा निकलेगी।
यह यात्रा एकमा से शुरू होकर मांझी, छपरा, गरखा, मढ़ौरा और डोरीगंज होते हुए आरा तक जाएगी।

आज छपरा में विधायक जितेंद्र राय के आवास पर महागठबंधन की बड़ी बैठक हुई।
हजारों कार्यकर्ता जुटे और यात्रा का रूट चार्ट व समय तय किया गया।
यात्रा एकमा, माझी, नक़ाबाजार, टेकनीवास, ब्रह्मपुर, श्यामचक से नगर पालिका चौक पहुंचेगी। यहां उम्मीद है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव कुछ मिनटों के लिए लोगों को संबोधित करेंगे।

इसके बाद यात्रा घेघटा मेला, बिशनपुर और डोरीगंज से होते हुए आरा तक जाएगी।
जनता में राहुल गांधी को देखने की उत्सुकता
छपरा और सारण के लोगों में राहुल गांधी को देखने की गहरी उत्सुकता है।
पदयात्रा के दौरान आम जनता चाहती है कि उन्हें करीब से देखने और सुनने का मौका मिले।

राहुल गांधी इस यात्रा का मुख्य चेहरा हैं और भीड़ की निगाहें उन्हीं पर टिकी रहेंगी।
कांग्रेस बनाम राजद : किसका उत्साह ज्यादा?
हालांकि, आज की बैठक और तैयारियों ने एक और तस्वीर साफ कर दी।
जितना उत्साह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में होना चाहिए था, उतना नजर नहीं आया।

इसके विपरीत, राजद के कार्यकर्ता कहीं ज्यादा सक्रिय और उत्साहित दिखे।
किसी ने कहा—कितनी बाइक लेकर आएंगे, कौन कितनी भीड़ जुटाएगा।
मानो यह यात्रा राहुल गांधी की नहीं बल्कि तेजस्वी यादव का कार्यक्रम बन गई हो।

क्यों नाम पड़ा “वोटर अधिकार यात्रा”?
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोट में हेरफेर कर रहे हैं।
दरअसल, वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्यक्रम सबसे पहले बिहार से शुरू हुआ था और तभी से विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
इसी मुद्दे को सामने रखकर यह यात्रा निकाली जा रही है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है।

बड़ा सवाल
30 अगस्त को जब सारण की सड़कों पर राहुल और तेजस्वी एक साथ दिखेंगे, भीड़ जरूर जुटेगी।
लेकिन सवाल यह भी है—क्या यह यात्रा विपक्ष को एकजुट दिखाएगी, या फिर कांग्रेस की कमज़ोर मौजूदगी और राजद की मजबूत पकड़ यह संदेश दे जाएगी कि कौन आगे है और कौन पीछे?

