सारण जिले के अमनौर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुंवारी से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है।
14 वर्षीय अंशु कुमार, पिता रणजीत तिवारी, बाछी लाने के लिए बगल के गाँव जा रहा था। रास्ते में गंडक नदी का उफनता पानी मानो मौत का जाल बिछाए खड़ा था। अंशु को लगा कि वह इसे पार कर जाएगा, लेकिन किसे पता था कि यही पानी उसकी जीवन यात्रा को समाप्त कर देगा। एक पल में पैर फिसला और वह बाढ़ की गहराइयों में समा गया।

अंशु के पिता विदेश में नौकरी करते हैं ताकि परिवार का पेट भर सके और बच्चे खुश रह सकें। पर किस्मत इतनी बेरहम निकली कि जिस बेटे पर परिवार की उम्मीदें टिकी थीं, वही अब नहीं रहा। पिता दूर देश में हैं और गांव में मातम पसरा हुआ है। मां और परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है, घर से चीखें उठ रही हैं।

अंशु दो भाइयों में बड़ा था और उसकी दो बहनें भी हैं। गांव के लोग स्तब्ध हैं, हर आंख नम है और हर दिल भारी। बाढ़ का यह प्रकोप सिर्फ एक मासूम की जिंदगी ही नहीं निगल गया, बल्कि पूरे परिवार की खुशियां छीन ली।

गांव में सन्नाटा है… और उस सन्नाटे के बीच गूंज रही है सिर्फ एक मां की करुण पुकार —
“अंशु… उठ जा बेटा…”





