सारण की ज़मीन से आज एक ऐसी खबर आई जिसने हर चेहरे पर सुकून ला दिया।
“आवाज़ दो” मुहिम के तहत पुलिस ने वो कर दिखाया, जो कभी फिल्मों में ही देखने को मिलता है — एक मां की छिनी हुई गोद फिर से भर दी गई।

जनता बाजार थाना में एक महिला ने हिम्मत जुटाकर आवेदन दिया —
उसने लिखा, “मेरे नवजात बच्चे को जबरन मुझसे छीन लिया गया और किसी को बेच दिया गया।”
नाम आया — हरीकिशोर प्रसाद, जो संगम ऑर्केस्ट्रा पार्टी का संचालक है, और उसका भाई उपेंद्र सिंह, जो “मां दुर्गा नर्सिंग होम” चलाता है।

थाना में कांड संख्या 228/25 दर्ज हुई, और फिर जो हुआ — वो पुलिस की किताबों में दर्ज हो गया।
वरीय पुलिस अधीक्षक सारण ने तुरंत विशेष टीम बनाई।
मानवाधिकार आयोग, मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन और गुजरात पुलिस की मदद से टीम निकल पड़ी —
गंतव्य था बड़ोदरा (गुजरात)।

वहीं से सोनू गिरी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ —
उसने 5 लाख रुपए में नवजात शिशु को बेच दिया था।
फिर पुलिस पहुँची सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र, ग्राम उखई।
वहाँ से नीरज पासवान पिता सुरेंद्र मांझी के घर से शिशु को सकुशल बरामद किया गया।

तीनों आरोपी —
हरीकिशोर प्रसाद
सोनू गिरी
नीरज पासवान
— अब जेल की सलाखों के पीछे हैं।

लेकिन कहानी का सबसे खूबसूरत हिस्सा वो था —
जब एसएसपी सारण खुद बच्चे को उसकी मां की गोद में लौटाते हैं।
चेहरे पर मुस्कान, बच्चे के गाल पर हल्की थपकी, और कैमरे में कैद वो पल —
जैसे न्याय भी मुस्कुरा उठा हो।
जनता बाजार थाना अध्यक्ष और पूरी सारण पुलिस टीम ने ये साबित कर दिया —
“अगर इरादा सच्चा हो, तो हर मां की पुकार तक पुलिस पहुँच सकती है।”
