Disclaimer
यह खबर सिर्फ परिजनों के बातचीत पर आधारित है प्रशासन द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई
हैं..

छपरा से एक दर्द भरी खबर।
14 साल का अयान, जो शुक्रवार को जुमे की नमाज़ पढ़ने गया था, अब तक घर नहीं लौटा।
24 घंटे से ज़्यादा वक्त बीत चुका है —
घर का दरवाज़ा अब हर आवाज़ पर खुल जाता है,
क्योंकि मां को लगता है — शायद अयान लौट आया हो।

अयान के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं।
घर में बस मां और बड़ा भाई हैं।
भाई सुबह से थाने के चक्कर लगा रहा है — आवेदन दे चुका है, बयान दे चुका है,
पर समाचार प्रेषण तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
पुलिस कहती है, “जांच कर रहे हैं”…
लेकिन मां पूछती है, “मेरा बेटा कहाँ है?”

अब परिवार खुद तलाश में है —
मस्जिदों के आस-पास, बाज़ारों में, दोस्तों के घर तक।
हर जगह बस एक ही सवाल गूंजता है — अयान कहाँ गया?
यह कहानी सिर्फ़ एक बच्चे के लापता होने की नहीं,
बल्कि एक मां की बेचैनी और एक सिस्टम की खामोशी की है।

(यह रिपोर्ट परिजनों के बयान पर आधारित है।)

