छपरा में प्रारंभिक शिक्षकों का उग्र प्रदर्शन: वेतन विसंगति, स्थानांतरण और नियुक्ति को लेकर उठी बुलंद आवाज
छपरा, बिहार | 21 जून 2025:
बिहार में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा और शिक्षकों की उपेक्षा को लेकर अब शिक्षकों का धैर्य जवाब देने लगा है। छपरा में परिवर्तन प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले आज सैकड़ों शिक्षकों ने समाहरणालय परिसर में उग्र धरना-प्रदर्शन किया।

शिक्षकों का कहना है कि बिहार सरकार लगातार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है। इस प्रदर्शन में शिक्षक कई प्रमुख मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे:
🌐प्रमुख मांगे:
वेतन विसंगति खत्म की जाए:
शिक्षक समान कार्य कर रहे हैं, लेकिन वेतन में भेदभाव जारी है। शिक्षकों की मांग है कि सभी शिक्षकों को एक समान वेतन मिले – “समान कार्य के लिए समान वेतन।”

स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता लायी जाए:
वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत शिक्षकों को तबादले का अधिकार नहीं मिल पा रहा। वहीं कुछ चुनिंदा लोगों को मनमानी सुविधा दी जा रही है।
लंबित नियुक्तियों पर तुरंत निर्णय हो:
लाखों योग्य प्रशिक्षित अभ्यर्थी वर्षों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया बार-बार अधर में लटकाई जा रही है।
सेवा शर्तों में संशोधन:
स्थायित्व, पदोन्नति और अन्य भत्तों को लेकर शिक्षक वर्ग असंतुष्ट है। उन्हें पूर्ण सरकारी कर्मचारी जैसा दर्जा और अधिकार दिए जाएं।

- प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?
धरने में शामिल एक शिक्षक ने कहा,
“हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं, तो आगे और बड़ा आंदोलन होगा।”
संघ के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो 800000 शिक्षक गांधी मैदान को भर देंगे अपने आंदोलन से।