
इन कर्मियों का कहना है कि वे पिछले 11 वर्षों से गरीबों के लिए आवास योजना को धरातल पर उतारने में पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। फिर भी सरकार उनके साथ लगातार उपेक्षा कर रही है। कुशल और योग्य होने के बावजूद इन्हें अल्प मानदेय पर काम करना पड़ रहा है।

सरकार ने पंचायत और प्रखंड कर्मियों के वेतन में तो वृद्धि कर दी, लेकिन आवास कर्मियों की मांगें बीते 6 वर्षों से सिर्फ कमेटी गठन तक ही सीमित हैं।
जब-जब इन कर्मियों ने आवाज उठाई, उन्हें संविदा से मुक्त करने की कार्यवाही की गई, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
प्रदर्शन कर रहे कर्मियों का कहना है कि प्रखंड स्तर पर सबसे ज़्यादा मेहनती और निष्ठावान कर्मी वे ही हैं, लेकिन सरकार उन्हें अंधेरे में छोड़ चुकी है।
मांग:
सरकार तुरंत सभी आवास कर्मियों का वेतन बढ़ाए, सेवा स्थायीत्व दे और बिना जांच की गई बर्खास्तगी को वापस ले।

इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से शामिल रहे पदाधिकारीगण:
अध्यक्ष, पर्यवेक्षक संघ:
आनंद मोहन
शिवराम कुमार शर्मा
नागेंद्र पंडित
राजेश कुमार
संटू कुमार सिंह
अध्यक्ष, लेखपाल संघ:
डॉ. सरफराज
आशीष कुमार
राहुल कुमार
अध्यक्ष, ग्रामीण आवास सहायक संघ:
इजहारूल हक
महामंत्री व अन्य सक्रिय पदाधिकारी:
प्रवीण मिश्रा
आनंद राज
मुन्ना कुमार
दिलीप कुमार सिंह
सत्येंद्र कुमार
संजीव कुमार
मनोज कुमार पंडित
अखिलेश्वर मिश्रा
विजय सिंह
इन सभी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार ने जल्द मांगें नहीं मानीं, तो यह आंदोलन पूरे राज्य में विकराल रूप लेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि संविदा कर्मियों को दबाने की कोशिश अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
संघ की कुछ और मांगे इस प्रकार है
दर्ज FIR की वापसी
सेवा से हटाए गए कर्मियों की बहाली
तत्काल मानदेय वृद्धि
सेवा स्थायीत्व व सम्मानजनक वेतनमान
मानवाधिकार आयोग के आदेश का क्रियान्वयन