दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक तीर्थ यात्रा है महाकुंभ।
महाकुंभ मेला सदी का सबसे बड़ा मेला है।
प्रयागराज में इस बार 144 वर्षों के बाद महाकुंभ लगने जा रहा है।
आस्था, विश्वास, सौहार्द के मिलन का पर्व है “कुंभ”
कुंभ का शाब्दिक अर्थ है कलश।
यहां कलश का संबंध अमृत कलश से है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद जो अमृत कलश निकला था उसको लेकर देवताओं एवं राक्षसों में युद्ध जैसी स्थिति आ पड़ी थी।
तब खुद भगवान मोहिनी का रूप धारण कर अमृत कलश पान करने की बात कही थी।
और देवताओं ने जब अमृत क्लास लेकर भागे तो इसी क्रम में अमृत की बूंदे चार स्थानों पर गिरी। हुआ था प्रयागराज , हरिद्वार , नासिक, उज्जैन।
माना जाता है कि देवताओं को अमृत कलश ले जाने में 12 दिन लगे थे इसलिए 12 वर्षों में कुंभ मेला का आयोजन होता है।
कुंभ में गृह राशियों का विशेष योग होता है बृहस्पति के मेष राशि में प्रविष्ट होने पर तथा चंद्र के मकर राशि में आने पर प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है।
कहा जाता है की यद पिंडे तद् ब्रह्मांडे।
ब्रह्मांड की शक्तियों के साथ शरीर कैसे सामंजस्य बैठता है इसी रहस्य का पर्व है कुंभ।
मुख्य छह स्नान शाही स्नान है।
13 जनवरी से शुरू होकर 26 February तक चलेगा.।
सनातन धर्म का सबसे बड़ा उत्सव है कुंभ और इस बार 40 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस कुंभ में स्नान करेंगे।
मान्यता तो यह भी है कि इस नक्षत्र में स्वयं देवता भी डुबकी लगाते हैं।
गंगा जमुना सरस्वती का संगम जिसे त्रिवेणी भी कहते है।
मान्यता तो यह भी है कि स्वयं विष्णु ,ब्रह्मा एवं शिव इस नक्षत्र में एक ही जगह पर उपस्थित होते हैं । हिमालय की कंदराओं से निकलकर तपस्वी,साधु ,नागा, और कई अखाड़े इसमें शामिल होते हैं।
देश, विदेश, गांव ,कस्बो से निकलकर करोड़ों लोग अपने जन्मों जन्मों के पाप को धोने आते हैं और कई मोक्ष के लिए आते है।
माघ मेले का अभिलेख चीनी यात्री ह्रवेनसांन्ग के अभिलेख में मिलता है।
कहा जाता है कि शंकराचार्य में आठवीं शताब्दी में प्रयाग में कुंभ मेले की शुरुआत की थी।
जब भी कुंभ लगता है तब काफी भारी भीड़ होती है। कुंभ मेला में कई बार भागदड़ हुई है जिसमें 1954 और 2013 में ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
इस बार 2025 महाकुंभ मे करीब 40 करोड लोगों की आने की उम्मीद है । ऐसे मैं तैयारी जोरों शोर से चल रहा है साथ ही साथ सुरक्षा के बड़े व्यापक रूप से इंतजाम किए गए हैं। आज हमारे संपादक संजीव मिश्रा ने यहां के घाटों का अवलोकन किया साथ ही साथ कई शिविरों को भी वहां जाकर देखा, कई अखाड़ों को भी देखा, छपरा के शिविर में जाकर देखा वहां निर्माण कार्य चल रहा था यहां के शिविर के प्रभारी राणा यशवंत प्रताप सिंह ने सारी विशेष मुद्दों पर बातचीत की जिसका वीडियो क्लिप इसमें अटैच किया जा रहा है आप देख सकते हैं। साथ ही साथ कई अखाड़ों का अवलोकन किया व्यापक रूप से देश-विदेश के लोग यहां पर श्रद्धालु महाकुंभ में गोता लगाएंगे। प्रचार तो यह भी किया जा रहा है कि यह महाकुंभ 144 साल के बाद लगा है प्रचार के एक शब्दों में यह भी दिखाया जा रहा है ना भू तो ना भविष्यति अर्थात ना कभी लगा था ऐसा ना कभी लगेगा। यूपी के आदित्यनाथ सरकार ने इस पर काफी व्यापक प्रचार किया है काफी खर्च भी किया है कही इंतजाम भी किया है ऐसे में देखना लाजमी होगा श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो साथ ही साथ पूरे देश-विदेश से लोग आएंगे गांव कस्बे से आएंगे उनको भी किसी प्रकार की परेशानी ना हो। विस्तृत रूप से आप हमारे फेसबुक यूट्यूब सोशल मीडिया वेबसाइट पर जाकर इसका विस्तृत विवरण देख सकते हैं उसको लाइक करें सब्सक्राइब करें और फॉलो करें.
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