

छपरा बिहार के सारण जिले का प्राचीनतम शहर है, यह घाघरा और गंगा नदी के तट पर बसा है। ऋषि दधीचि और गौतम ऋषि, स्वामी अद्वैतानंद जी महाराज का जन्मस्थली छपरा की कहानियाँ यहाँ की भक्ति को जहाँ दर्शाता है वही इसके और इतिहास को हम बारीकी से जानते हैं;-
18 वीं शताब्दी में डच, फ्रांसीसी, पुर्तगाली और अंग्रेजों ने यहाँ साल्टपीटर यानी (शोरा) जिसे पोटेशियम नाइट्रेट (KNO3) की रिफाइनरी फैक्ट्री लगाई थी।
*छपरा जिला 1908 में बना ।
*1864 में छपरा को नगर पालिका बनाया गया था |
बात करें भिखारी ठाकुर की भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता है छपरा का इतिहास इनके बिना अधूरा है इन्होंने कई नाटक मंचन में भाग लिया खास कर इनका विदेशिया काफी फेमस है। स्वतंत्रता सेनानी की बात करें तो महेंद्र मिश्रा का नाम यहां के इतिहास के पन्नों में दर्ज है। छपरा का इतिहास गौरवशाली रहा है।
छपरा की कमियों की बात करें तो यहां रोजगार फैक्ट्रियां नहीं के बराबर है। बहुत बड़ी आबादी रोजगार के लिए पलायन करती हैं। यहां के युवा रोजगार के लिए काफी परिश्रम करते हैं और उनके दिलों तमन्ना होती है किसी भी तरह सरकारी नौकरी हमें प्राप्त हो जाए। हजारों साल से छपरा की अपनी एक विशेषता रही है वह अपने मीठे स्वभाव के लिए जाना जाता है चाहे वह अपने शहर में रहे चाहे वह देश में चाहे वह विदेश में समग्र विकास पर उसका ध्यान रहता है बिहार का यह शहर सदैव वसुदेव कुटुंबकम पर विश्वास करता है। यहां के पर्व की बात की जाए छठ हमारे यहां सबसे पारंपरिक पर्व मना जाता है। यहां के अधिकतर पुरुष शहर से बाहर कमाने जाते हैं केवल छठ पर्व ही होता है जहां पत्नी और माताएं अपने फैमिली का इंतजार करती हैं। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पढ़ाई यहीं से हुई थी। यहां के कई युवा यहां से पढ़ कर बड़े-बड़े शहरों में बड़े-बड़े पदों पर काबीज है। अगर आप छपरा से बाहर के हैं तो छपरा एक बार जरूर आईये और यहां की संस्कृति को समझिए जानिए…….
*छपरा जंक्शन रेलवे स्टेशन कोड CPR भारतीय राज्य बिहार के सारण जिले में स्थित एक रेलवे स्टेशन है यह रेलवे के उत्तर पूर्वी संभाग में पड़ता है, छपरा शहर यह इसके आसपास रहने वाला लोग इस स्टेशन का ज्यादातर प्रयोग करते हैं |
छपरा रेलवे स्टेशन की ऊंचाई करीब 58 मीटर 190 फीट ऊंचा है और यहां आठ प्लेटफार्म 22 पटरियां और 5 लाइन है जिन्हें बलिया, सिवान ,सोनपुर, पहलेजा, और मसरख में शाखा जोड़ा गया है। इस स्टेशन से कुल 172 ट्रेन का संचालन किया जाता है जो या तो यहाँ से खुलती है या यहाँ से गुजरती है |
खानपान के मामले में छपरा बेहद धनी है यहां बनने वाला ,जलेबी ,बालूशही, लिट्टी, चोखा , के लोग दीवाने हैं |
छपरा के नेवाजी टोला मारुति होटल का लिट्टी – चोखा बहुत ही फेमस है वाह क्या स्वाद होता है, आपको भी खाना चाहिए|
घर भुजवा भगवान बाजार में स्थित भुजा का दुकान काफी मशहूर है यहां की भुजा का देश-विदेश तक मांग है, लोग प्रदेश कुछ ले जाए या ना लेकिन छपरा के भगवान बाजार का भुजा जरूर लेकर जाते हैं |
छपरा में एशिया का पहला डबल डेकर बन रहा है, लोगों को इसके पूर्ण होने का बेस्रबरी से इंतजार है |
छपरा के रिवीलगंज में प्रसिद्ध गौतम स्थान है, भारत के बिहार राज्य के छपरा से लगभग 8 किलोमीटर पश्चिम में पवित्र सरयू या घाघरा नदी के तट पर स्थित है यह गोदना मोड़ के नजदीक है |
छपरा में बहुत सारे कॉलेज हैं जैसे जगदम कॉलेज ,राजेंद्र कॉलेज , जयप्रकाश महिला कॉलेज ,गंगा सिंह कॉलेज, राम जयपाल कॉलेज ,तपेश्वर सिंह कॉलेज, इत्यादि तमाम कॉलेज है |
सारण प्रमंडल में छपरा , सिवान और ,गोपालगंज शामिल है।
छपरा में 1000 वर्ष पुराना मंदिर है जिसका नाम धर्मनाथ मंदिर है। छपरा में ही बहुत साल पुराना एक बुढ़िया मां का भी मंदिर है। जो की स्टेशन के पास है बुढ़िया मां के मंदिर की कहानी बहुत ही रोचक है छपरा में बहुत ही पुराना एक मानस मंदिर भी है जो की बहुत ही भव्य है यहां बहुत लोगों की भीड़ होती है|
छपरा का 9 फेमस सुप्रसिद्ध स्थान ——–
1)धर्मनाथ मंदिर
2)मानस मंदिर
3)पार्वती आश्रम
4)बुढ़िया मां का मंदिर
5)मां अंबिका मंदिर
6)नैनी मंदिर
7शिव मंदिर
8)गोवर्धन दास का पोखरा
9)दधिचि आश्रम
सभी मंदिरों का अपनी अपनी कहानी है !
- छपरा में नैनी मंदिर बनना 2005 में शुरू हुआ था नैनी मंदिर 14 साल में तैयार हुआ है ,जो नैनी मंदिर बनवाया है| वह गुजरात के रहने वाला कलाकार थे। यह संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है|
1)धर्मनाथ मंदिर

DHARMNATH TEMPLE
2शिव मंदिर

3)मानस मंदिर HANUMAN TEMPLE

4)नैनी मंदिर NAINI TEMPLE

5)गोवर्धन दास का पोखरा HISTORICAL PALCES

6)दधिचि आश्रम HISTORICAL PLACES

7)मां अंबिका मंदिर HISTORICAL PLACES

GURU PARAMPARA PANTH OF ADIWATANAND JI MAHARAJ




