छपरा (eBiharDigitalNews):
छपरा नगर निगम के 2024-25 बजट की संपुष्टि के लिए बुलाई गई बैठक भारी विरोध और हंगामे के चलते स्थगित कर दी गई। मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता द्वारा बुलाई गई इस अहम बैठक में कई पार्षदों ने बैठक की वैधता और कार्यों की समीक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।

मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने पार्षदों पर आरोप लगाया कि “छपरा के पार्षद विकास में रुचि नहीं रखते, वे केवल निजी महत्वाकांक्षा की पूर्ति में लगे हैं।” उन्होंने कहा कि निगम के पास अब पर्याप्त तकनीकी संसाधन हैं – पांच JE और एक कार्यपालक इंजीनियर नियुक्त हैं, फिर भी कार्य प्रगति पर नहीं हैं।

पार्षदों का विरोध और आरोप
वहीं वार्ड पार्षद डब्लू सिंह ने इस बैठक को “असंवैधानिक” करार दिया। उनका कहना था, “जब 2024-25 का कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ, तो उसके बजट की संपुष्टि कैसे की जा सकती है?” उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2024-25 में 400 करोड़ रुपए का बजट पास हुआ था, लेकिन अब तक केवल 45 से 50 करोड़ के कार्य ही पूरे हुए हैं।
डब्ल्यू सिंह एवं अन्य पार्षदों ने संकेत दिया कि यदि मेयर सहयोग नहीं करते तो उपमेयर नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा, “मेयर को अपना इगो हटाकर विकास के लिए कार्य करना चाहिए।”

उपमेयर का बयान
उपमेयर रागिनी देवी ने भी साफ कहा, “जब तक बजट पास नहीं होगा, हम जनता के लिए कोई काम नहीं कर पाएंगे। पहले 2024-25 के कार्यों की समीक्षा होनी चाहिए, फिर नया बजट लाना चाहिए।”
जनता के सवाल
जनता के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि जब बिहार के अन्य नगर निगम प्रगति कर रहे हैं, तो छपरा लगातार पिछड़ता क्यों जा रहा है?
यह सवाल सिर्फ नगर निगम के अधिकारियों और प्रतिनिधियों से नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र से है।